सावन में जरूर करें इन 5 अद्भुत शिव मंदिरों के दर्शन

सावन के महीने में  सभी भगवान शिव की भक्ति में लीन होते हैं. देशभर के सभी मंदिरों में इस समय भीड़ देखने को मिलेगी. ऐसे में भक्त लोग भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी ही 5 जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप जा सकते हैं. 


पशुपतिनाथ मंदिर, मंदसौर
मध्यप्रदेश के मंदसौर में बना ये मंदिर भारत का इकलौता पशुपतिनाथ का मंदिर है. जो नेपाल के पशुपतिनाथ से काफी मिलता-जुलता हुआ है और इसलिए ही इसका नाम पशुपतिनाथ पड़ा. चिकने चमकदार पत्थर से बनी हुई पशुपतिनाथ की प्रतिमा सवा सात फीट ऊंची है. 


मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक
भगवान शिव का एक नाम मुरुदेश्वर भी है. कंडुका पहाड़ी पर बना ये मंदिर तीनों तरफ से अरब सागर से घिरा हुआ है. 249 फुट लंबा दुनिया का सबसे बड़ा गोपुरा है. समुद्र तट के पास स्थित भगवान शिव का यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है और मंदिर परिसर में बने भगवान शिव की विशाल मूर्ति तकरीबन 123 फीट है. 


लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
भुवनेश्र्वर के सबसे बड़े मंदिरों से में एक है. जो कलिंग की वास्तुकला और मध्यकालीन ऐतिहासिक परंपरा का बेजोड़ नमूना है. मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की भी प्रतिमा है. लिंगराज मंदिर से होकर एक नदी गुजरती है जो कई तरह की शारीरिक बीमारियों को दूर करता है.


तुंगनाथ मंदिर, उत्तराखंड
समुद्र तल से 3680मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर है. जो बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के बीच में स्थित है. इस मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बहुत ही अद्भुत है. हिमालय पर्वत की बर्फ से ढकी ऊंची चोटियां इसकी खूबसूरती में लगाती हैं चार चांद. मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव के प्रिय 'नंदी' की मूर्ति विराजमान है. द्वार के दाईं ओर भगवान गणेश की मूर्ति है. मं 


जूनागढ़, भावनाथ तालेटी
जूनागढ़ सिर्फ गिर नेशनल पार्क के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि ये साधुओं का भी घर है जो सावन महीने और महाशिवरात्रि के मौके पर दर्शन के लिए भारी तादाद में आते हैं. शिवरात्रि में तो जूनागढ़ आकर यहां के कल्चर और साधुत्व से भी रुबरू होने का मौका मिलता है.